All About Black Fungus (Mucormycosis) : ब्लैक फंगस उन्हीं लोगों पर अटैक कर पाता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है।
नई दिल्ली
कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस के केस बढ़ने लगे हैं। देश में बुधवार तक करीब 5,500 लोगों में ब्लैक फंगस के संक्रमण की पहचान हो चुकी
थी। इस कारण 126 लोगों की मौत हो चुकी है।
डाइबिटीज मरीज हो जाएं
सतर्क
जिन लोगों को डाइबिटीज है और वो कोरोना वायरस से
संक्रमित हो गए हैं, उन पर ब्लैक फंगस के आक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।
उनका कहना है कि ब्लैक फंगस उन्हीं लोगों पर अटैक कर पाता है जिनकी इम्यूनिटी
कमजोर होती है। चूंकि डाइबिटीज मरीज स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए उनका इम्यूनिटी लेवल कम हो जाता है, इस कारण ब्लैक फंगस को उन्हें अपना शिकार बनाने का
मौका मिल जाता है।
ब्लैक फंगस को लेकर डॉ.
हर्षवर्धन ने जताई चिंता, तीसरी लहर को लेकर कही ये बात-
किसे हैं ब्लैक फंगस का
खतरा????
डाइबिटीज
मरीज को, जिनका कैंसर का इलाज हो रहा है और ट्रांसप्लांट
करवाने वालों को पर भी ब्लैक फंगस से संक्रमित होने का खतरा रहता है। ब्लैक फंगस
वातावरण में मौजूद है। खासकर मिट्टी में इसकी मौजूदगी ज्यादा होती है। स्वस्थ और
मजबूत इम्यूनिटी वाले लोगों पर यह अटैक नहीं कर पाता है।
ब्लैक
फंगस के प्रति हों सतर्क
1. जिन
मरीजों को शुरुआत में ही स्टेरॉइड्स दिए गए, उनमें
ब्लैक फंगस का संक्रमण हो सकता है।
2. स्टेरॉइड्स की ज्यादा डोज दिए जाने पर मरीज को ब्लैक
फंगस होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे लोगों के खून में मिठास की मात्रा बढ़ जाती है
जो हाई ब्लड शुगर के रूप में सामने आता है।
3. अगर
लंबे वक्त तक स्टेरॉइड्स दिए जाएं तो लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ सकते हैं।
कुछ दवाइयां भी बहुत सावधानी से देनी चाहिए ताकि
वो फंगल इन्फेक्शन का कारण न बने क्योंकि ये दवाइयां इम्यूनिटी सिस्टम को कमजोर
करती हैं। बिना डॉक्टरी सलाह के स्टेरॉइड लेना खतरनाक हो सकता है। स्टेरॉइड
बिल्कुल उचित मात्रा में लें और कम-से-कम समय तक लें। लेकिन ब्लड शुगर कंट्रोल में
नहीं हो तो डॉक्टर से बिना पूछे स्टेरॉइड लेना नहीं छोड़ें।
रोकथाम के उपाय---
बीमारी को जितनी जल्दी पहचानेंगे इसका इलाज उतना ही सफल होगा। ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए तीन चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं। पहला शुगर कंट्रोल बहुत अच्छा होना चाहिए, दूसरा हमें स्टेरॉयड कब देने हैं इसके लिए सावधान रहना चाहिए और तीसरा स्टेरॉयड की हल्की या मध्यम डोज देनी चाहिए।
1. शुगर
कंट्रोल- खून में चीनी की मात्रा बढ़ने नहीं दें। जो लोग
डायबिटिक हैं, उन्हें
अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने का अतिरिक्त प्रयास करना चाहिए।
जो डायबिटिक नहीं हैं, लेकिन नियमित तौर पर
स्टेरॉइड्स ले रहे हैं, उन्हें अपना ब्लड शुगर हमेशा चेक करते रहना चाहिए।
2. स्टेरॉइड के बेजा इस्तेमाल से परहेज - स्टेरॉइड देने से बचें। अगर जरूरत पड़े तो कम डोज
दें। इस तरह की दूसरी दवाइयां भी तभी दी जाएं जब बहुत जरूरी हों।
कैसे समझें कि ब्लैक फंगस ने अटैक कर दिया है?
1.अगर
नाक में दिक्कत महसूस हो रहा हो
2.अगर
सिरदर्द हो
3.चेहरे
के एक हिस्से में दर्द महसूस हो या वो सूज जाए
4.चेहरा
सुन्न पड़ रहा हो
5.चेहरे
का रंग बदल रहा हो
6.पलकें
सूजने लगी हों
7.दांत
हिलने लगे
अगर ब्लैक फंगस ने आपके
फेफड़े पर आक्रमण कर दिया है तो ये लक्षण दिखेंगे……
1.बुखार
2.सांस
लेने में दिक्कत
3.खंखार
में खून आना
4.सीने
में दर्द
5.धुंधला
दिखाई पड़े
ये लक्षण दिखें तो
तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। दवाइयों से इसका इलाज हो जाता है। कुछ मौकों पर
सर्जरी करनी पड़ती है। इसलिए अगर आपको डाइबिटीज है और कोरोना से संक्रमित हो गए
हैं तो अपना ब्लड शुगर नियमित तौर पर चेक करते रहें और शुगर की दवाई बिल्कुल संभल
कर लें।
कितना खतरनाक, क्या है इलाज???
यह
नाक या मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। दूसरे चरण में यह आंख को प्रभावित
करता है और तीसरे चरण में दिमाग पर अटैक करता है। चार से छह हफ्ते तक दवाइयां लेनी
पड़ती हैं। गंभीर मामलों में तीन महीने तक इलाज चलता है।
ये सब अफवाह हैं, न दें ध्यान
1. कुछ
कच्चा खाने से फंगल इन्फेक्शन हो रहा है
2. जहां
तहां से लाए सिलिंडर से कोरोना मरीज को ऑक्सिजन सपॉर्ट देने के कारण
3. किसी खास स्थान पर ही हो रहा है। हकीकत यह है कि होम
आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीज में फंगल इन्फेक्शन देखा जा रहा है।
केंद्र सरकार भी चिंतित
ध्यान रहे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को ब्लैक
फंगस के बढ़ते खतरे को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ब्लैक फंगस के केस देश में जगह-जगह आ रहे हैं, सरकार और विशेषज्ञों के माध्यम से संबंधित
जानकारियां दी जा रही हैं। इसकी दवाई के उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे
हैं।"
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